चुरू जिले के महत्त्वपूर्ण तथ्य →Important facts of Churu district
राजस्थान का सर्वाधिक ठंडा व गर्म जिला चूरू।सहकारी क्षेत्र का राज्य का प्रथम महिला मिनी बैंक-सालासर (चूरू) में है।
1930 में चांदमल बहड़ ने धर्मस्तूप नामक स्थान पर भारतीय स्वतन्त्रता का झण्डा फहराया था। धर्मस्तूप को लाल घण्टाघर भी कहते है।
प्रसिद्ध उद्योगपति लक्ष्मीनिवास मित्तल सुजानगढ़ (चूरू) निवासी है।
दूधवा खारा स्थान चूरू में है।
दूधवा खारा किसान आंदोलन का नेतृत्व रघुवरदयाल गोयल, वैद्य मघाराम तथा हनुमानसिंह आर्य ने किया था।
राज्य में सबसे कम वन-चूरू में है।
गोयनका की हवेली चूरू में है।
पालर पानी–
राजस्थान का चूरू जिला वर्षा जल (पालर पानी) के संग्रहण हेतु अनूठी कार्ययोजना को क्रियान्वित करने वाला एकमात्र जिला है।
ओलम–
राज्य में सबसे कम वन-चूरू में है।
गोयनका की हवेली चूरू में है।
कबूतरी नृत्य चूरू का प्रसिद्ध है।
चूरू में पीला पोमचा व औढ़नी की रंगाई होती है।पालर पानी–
राजस्थान का चूरू जिला वर्षा जल (पालर पानी) के संग्रहण हेतु अनूठी कार्ययोजना को क्रियान्वित करने वाला एकमात्र जिला है।
प्रोजेक्ट जलधारा–
लक्ष्मी मित्तल ने राजगढ़ (सादुलपुर) कस्बे और 168 गाँवों में पीने का पानी लाने की योजना।ओलम–
राजस्थानी भाषा के उत्थान व आंचलिक साहित्य को मुखर करती वह पत्रिका जो चूरू से सम्बन्धित है।
तारानगर–
भित्ति चित्रों हेतु प्रसिद्ध तथा रामदेव जी का मेला भी लगता है।
तारानगर–
भित्ति चित्रों हेतु प्रसिद्ध तथा रामदेव जी का मेला भी लगता है।